बर्मिंघम
उत्कृष्ट बुद्धिमता (आईक्यू) वाले बच्चों के मेनसा सदस्यता क्लब में चार साल की एक ब्रिटिश सिख लड़की को शामिल किया गया है। दयाल कौर अपने परिवार के साथ बर्मिंघम में रहती है। उसने बहुत कम उम्र से ही सीखने की असाधारण क्षमता प्रदर्शित की और वह अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षरों को 14 महीने की उम्र तक पहचानने लग गई थी।

दयाल कौर ने मेनसा जांच में शामिल होने के लिए उत्सुकता जाहिर की और कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के चलते इसमें ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुई और 145 आईक्यू स्कोर हासिल किया। इस उपलब्धि ने उसे ब्रिटेन की उस शीर्ष एक प्रतिशत आबादी वाली श्रेणी में शामिल कर दिया, जिन्हें प्रकृति का यह असाधारण वरदान प्राप्त है।

ब्रिटिश मेनसा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन स्टीवेंज़ ने कहा, हम दयाल कौर का मेनस में स्वागत करके खुश हैं, जहां वह करीब 2000 जूनियर और किशोर सदस्यों के समुदाय में शामिल की गई।

दयाल कौर के पिता सरबजीत सिंह शिक्षक हैं। उन्होंने कहा कि अब आधिकारिक रूप से यह साबित हो गया है कि वह अपनी उम्र की तुलना में कहीं अधिक मेधावी है। अब हमारे लिए यह महसूस करना स्वाभाविक है कि हमारी बच्ची विशेष है, लेकिन इस मामले में यह वास्तविक सबूत है कि वह लाखों में एक है।

Source : Agency